Tuesday, September 28, 2010

kaun ho tum

कौन हो तुम जो मेरे ख्यालो में बसी रहती हो , कौन हो तुम जो मेरे ख्वाबो में आती रहती  रहती हो |
कौन तो तुम जिसकी आहट अक्सर सुने देती है मुझे ,
कौन हो तुम जिसके साये को हरदम पास महसूस करता हूँ मै,
कौन हो तुम जिसके लिए बेक़रार हूँ  मै हर घडी हर पल |
कौन हो तुम जो सावन की बरसात की तरह रिमझिम  सी बरस जाती हो ,
जिसके आने से गम में ख़ुशी , अँधेरे में रौशनी और बेजानो में भी जान आ जाती है ,
जिसके आने से महफ़िल जगमगा जाती है और बुझी शमाएँ भी जल जाती है |
कौन हो तुम जिसकी कभी कोई मिसाल ना दे पाया मै ,
जिसको दी हर उपमा मुझे फीकी जान पड़ी |
कौन हो तुम जिसकी झील सी गहराई कभी ना नाप पाया मै ,
जो मुझे जिस भी हालात में मिली , मेरी आकांक्षाओ से ऊंची मिली |
कौन हो तुम जिसने मुझे जीने का मकसद दिया ,
जिसने मुझे जीवन के हर मोड़ पर जीने का अहसास  दिया |
कौन हो तुम जो मेरी प्रेरणा बन सदा प्रेरित करती हो मुझे ,
जो निराशा में भी आशा बन आत्मबल देती हो मुझे |
कौन हो तुम जो मेरी जिंदगी से भी बढ़कर हो मेरे लिए |
कौन हो तुम , कौन हो तुम , कौन हो तुम |

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